Editorial

डॉ उदित राज का लेख- ‘आखिर हिन्दू “बेचारे” कैसे हो गए?’

नागरिकता संशोधन कानून कि वैधता के लिए संघ और भाजपा गला फाड़ फाड़ कर कह रहे हैं कि हिन्दुओं का दुनिया में एकमात्र देश है क्या वह भी हिन्दू राष्ट्र

टुकड़े- टुकड़े बॉलीवुड!

हर कोई – शीर्ष राजनेताओं और “राष्ट्रवादी” टीवी एंकरों को छोड़कर – अब एक टुकडे टुकडे गिरोह के सदस्य की तरह दिखता है   सुपरस्टार दीपिका पादुकोण ने विरोध प्रदर्शन

मिर्ज़ा शिबली बेग का ब्लॉग- कुवालालंपुर सम्मेलन ‘आशाएं और आशंकाएं’

” हम पूरी दुनिया में मुसलमानों की ज़िन्दगयां आसान बनाना चाहते हैं और इस्लामोफोबिया पर क़ाबू पाना चाहते हैं ।” ” हमें ऐसे रास्ते तलाश करने होंगे जिससे हम अपनी

रवीश कुमार का लेख: क्यों नहीं यूपी बिहार में पाक, अफ़ग़ान और बांग्लादेश के हिन्दुओं को बसाया जाए?

असमिया कौन है, क्या है, यह समझने के लिए कौशिक डेका के इस लेख को पढ़िए। बहुत आसान अंग्रेज़ी में है। कौशिक कहते हैं कि हमने अपनी पहचान की ख़ातिर ही भारत

नागरिकता संशोधन विधेयक पर डॉ वेदप्रताप वैदिक का लेख: नागरिकता नादानी

नया नागरिकता विधेयक अब जो जो गुल खिला रहा है, उसकी भविष्यवाणी हमने पहले ही कर दी थी। सबसे पहले तो मोदी और जापानी प्रधानमंत्री की गुवाहाटी-भेंट स्थगित हो गई।

शिया ईरान और सुन्नी तालिबान की नजदीकीयां!

तालिबान का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल 25 नवंबर को विशेष विमान से तेहरान पहुंचा। जिसका नेतृत्व वर्तमान में तालिबान के सबसे वरिष्ठ सदस्य मुल्ला अब्दुल ग़नी बिरादर इख़वंद कर रहे

अपने ही चक्रव्यूह में फंसा ईरान!

मध्य नवंबर में ईरान की सरकार की तरफ से ईंधन तेल की की़मतों में वृद्धि और ख़रीद की सीमा तय करने के ऐलान के बाद से देशभर में विरोध प्रदर्शनों

आज़ाद हिन्द फौज़ के कप्तान ‘अब्बास अली’ की तस्वीर लाल क़िले के म्यूज़ियम में

नई दिल्ली: नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आज़ाद हिंद फ़ौज (आई.एन.ए)में कप्तान रहे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कैप्टिन अब्बास अली का चित्र राजधानी दिल्लीस्थित लाल क़िले में नेताजी सुभाष चंद्र बोसऔर

राम पूनियानी का लेख- ‘बीजेपी का राष्ट्रवाद और चुनावी बिसात’

बीजेपी एक नहीं, बल्कि अनेक मायनों में ‘पार्टी विद अ डिफरेंस’ है। वह देश की एकमात्र ऐसी बड़ी राजनैतिक पार्टी है जो भारतीय संविधान में निहित प्रजातंत्र और धर्मनिरपेक्षता के

कश्मीर में हिंसा

कश्मीर के हाल देखने के लिए इधर से 23 यूरोपीय सांसद श्रीनगर पहुंचे और उधर कुलगाम में आतंकवादियों ने पांच मजदूरों की हत्या कर दी। इस खबर के आगे मोदी

अनजाने में सरकार ने कश्मीर का अंतर्राष्ट्रीयकरण कर दिया

नई दिल्ली : दक्षिण एशिया में मानवाधिकारों पर संयुक्त राज्य अमेरिका की कांग्रेस की सुनवाई पिछले मंगलवार को कश्मीर के संदर्भ में भारत की आलोचना मुख्य रूप से हुई। अमेरिका

गांधी का तिरस्कार

अविजित पथिक, समाजशास्त्री मेरे एक छात्र ने मुझे गांधी पर राजकुमार हिरानी की एक नवीनतम फिल्म दिखाई। यह एक छोटी फिल्म है, और जैसा कि हमें बताया गया है, यह

कच्ची कॉलोनियों की चांदी

देश की सबसे बड़ी सरकार के पीएम मोदीजी ने न्यू इंडिया बनाने की एक व्यापक परियोजना के तहत नयी दिल्ली के 4 किलोमीटर में फैले सेंट्रल विस्टा तथा हजारों सरकारी

वेदप्रताप वैदिक का लेख- ‘पाकिस्तान में इमरान ख़ान के खिलाफ़ बगावत’

भारत में तो आज हम दीवाली मना रहे हैं लेकिन दुनिया के कई देशों में जनता की बगावत का आज सबसे बड़ा दिन है। हमारे पड़ौसी पाकिस्तान में जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम

महिलाओं का प्रतिनिधित्व निराशाजनक है, उनके लिए राजनीति अनुचित है!

90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में नौ महिला विधायकों का चुनाव, और 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में 23, यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि महिलाओं का प्रतिनिधित्व सभी राजनीतिक दलों

घाटी में चुनाव

इसे हम बहुत अहम परीक्षा भले ही न मानें, लेकिन जम्मू-कश्मीर में ब्लॉक विकास परिषद का चुनाव संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद केंद्र सरकार के लिए एक

हरियाणा और महाराष्ट्र में भाजपा की गाड़ी पर जनता ने ब्रेक लगा दिया- वेदप्रताप वैदिक

मैंने कल लिखा था कि हरयाणा और महाराष्ट्र के चुनावों में यदि भाजपा को प्रचंड बहुमत याने क्रमशः 75 और 240 सीटें मिल गईं तो भाजपा सरकारें ऐसी हो जाएंगी,

भाजपा पर लगा ब्रेक

मैंने कल लिखा था कि हरयाणा और महाराष्ट्र के चुनावों में यदि भाजपा को प्रचंड बहुमत याने क्रमशः 75 और 240 सीटें मिल गईं तो भाजपा सरकारें ऐसी हो जाएंगी,

राजनीति, अर्थव्यवस्था दोनों के लिए अच्छी खबर है!

महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव परिणाम राजनीति और अर्थव्यवस्था पर अच्छी खबर दे रहे हैं। लोकतंत्र एक विपक्ष के लिए कहता है, न कि केवल एक मजबूत सत्ताधारी पार्टी के

गुजरात नरसंहार, याकूब मेमन और सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले को उठाने वाले सरकार के निशाने पर

नई दिल्ली : दशकों से, कुछ लोगों ने उन अधिकारों का बचाव किया है जिनके पास समाज और राज्य की ताकत के खिलाफ खड़े होने के लिए कोई संसाधन नहीं