माइक्रोसॉफ्ट बिंग के आंकड़ों में महामारी के दौरान लोगों की बदलती जरूरतों का खुलासा

   

नई दिल्ली, 22 अगस्त । माइक्रोसॉफ्ट के शोधकर्ताओं ने खुलासा किया है कि किस कदर महामारी के दौरान लोगों की ख्वाहिशें बदली हैं। एक ऐसे वक्त में बुनियादी जरूरतों पर ज्यादा जोर देखा गया है।

वेंचरबीट की रिपोर्ट के मुताबिक, माइक्रोसॉफ्ट सर्च इंजन बिंग के आंकड़ों का इस्तेमाल करते हुए टीम ने महामारी के दौरान लोगों की शारीरिक, सामाजिक-आर्थिक और मनोवैज्ञानिक आवश्यकताओं में बदलाव को चिह्न्ति करने के लिए एक रूपरेखा तैयार की।

अमेरिका में करीब-करीब 36,000 जिप कोड के दरमियान इस रूपरेखा को 3500 करोड़ बिंग वेब सर्च पर लागू किया गया जिसके बाद शोधकतार्ओं को इंसान की बदलती आदतों के बारे में पता लगा।

इस रूपरेखा के तहत इंजन पर सर्च की गई चीजों को कुछ श्रेणियों में वगीर्कृत किया गया जैसे कि वास्तविक, संज्ञानात्मक, सामाजिक/भावनात्मक, सुरक्षात्मक और शारीरिक आवश्यकताएं।

करीब 9.1 प्रतिशत यानि कि 320 सर्च सही में जरूरत की चीजों के बारे में की गई।

शोधकतार्ओं ने पाया कि डिग्री, जॉब सर्च, जॉब और हाउसिंग साइट्स के बारे में खोज में 34 फीसदी तक की गिरावट आई है और यह अब भी बरकरार है।

रिसर्च के मुताबिक, महामारी के शुरूआती चार हफ्तों में शारीरिक और सुरक्षा आवश्यकताओं की खोज में काफी इजाफा देखा गया। टॉयलेट पेपर की खरीददारी में 127 गुना तक की वृद्धि देखी गई, साथ ही कर्ज माफ को लेकर यूजर्स द्वारा किए गए खोज में भी आधार रेखा से 287 गुना तक की बढ़ोत्तरी देखी गई और ऐसा कम से कम जुलाई के महीने तक तो बरकरार रहा।

इस रूपरेखा का उपयोग इस बात का निर्धारण करने के लिए भी किया जा सकता है कि कोई समुदाय किस हद तक सामाजिक और आर्थिक संकट झेल सकता है और साथ ही कमजोर वर्गों पर नीतियों के प्रभाव में असमानताओं की जांच करने के लिए भी इसका उपयोग किया जा सकता है।

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