बरेलवी उलेमा ने दिया फतवा, चीन के उत्पाद का बायकॉट करें मुसलमान

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पिछले चालीस दिन से चीन के द्वारा भारत की सीमा के अंदर घुसपैठ की जा रही है। घुसपैठ रोकने के लिए भारतीय और चीन की फौज के बीच खूनी संघर्ष में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए। जिसको लेकर देशभर में चीन के उत्पादों का बहिष्कार किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के बरेली में भी इसका असर देखने को मिला है। गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों की शहादत पर गम और गुस्से का माहौल है। चीन की हरकत से नाराज बरेलवी उलेमा ने फतवा जारी कर दिया है। चीन के उत्पाद का बायकॉट का फैसला लिया गया है। उलेमा ने कहा कि हमारी सरकार को सैनिकों की शहादत का बदला लेना होगा।

भारत और चीन के दरमियान बनी युद्ध के सुरते हाल पर उलेमा ने चिंता जताई है। तंजीम उलमा-ए-इस्लाम से जुड़े उलेमा के पैनल ने फैसला लिया है कि चीन के उत्पाद का बहिष्कार करते हुए फतवा जारी किया है। मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने बताया कि फतवे में कहा गया है कि हुकूमत चीन के जरिये भारत की जमीन पर कब्ज़ा करने की नापाक साजिश रचने पर निन्दा की है। चीन के उत्पाद का बायकॉट करने के लिए तमाम हिन्दुस्तानी लोगों से अपील की है।

फतवे में आगे कहा गया है कि अपने देश के सैनिकों और सरकार के साथ इस मुश्किल घड़ी में कांधे से कांधा मिला कर मुसलमान खड़े हो जाये, ताकि किसी दुश्मन देश को हमारी तरफ आंख उठाकर देखने की हिम्मत न हो सकें। मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने फतवे की कापी जारी करते हुए बताया कि ये फतवा 5 उलमा के पैनल ने सयुंक्त रूप से लिखा है।  जिसमें तंजीम के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुफ़्ती अशफ़ाक़ हुसैन कादरी, मुफ़्ती इकबाल अहमद मिसबाही, मुफ़्ती तौकीर अहमद कादरी, मुफ़्ती हाशिम रज़ा खां, कारी सगीर अहमद रजवी शामिल हैं।