लखनऊ प्रदर्शन: वकील की माँ बोलीं- मेरा बेटा निर्दोष था उसे क्यों मार डाला गया गया

   

पुलिस और उपद्रवियों के बीच हुए बवाल-फायरिंग में गुरुवार को गोली लगने से एक ड्राइवर वकील अहमद (26) की मौत हो गई जबकि दो किशोर मो. जिलानी (16) और मो. शमीम (17) घायल हो गए। मो. वकील के घर वालों का कहना है कि वह प्रदर्शन में शामिल नहीं था। वह अपनी पत्नी की दवा लेकर लौट रहा था। रास्ते में एक दरोगा ने उसे अपनी गोली का शिकार बना लिया। ऐसा ही दो घायलों के परिवारीजनों ने भी कहा कि उनके बच्चे तो घर लौट रहे थे, रास्ते में उन्हें गोली लग गई। इन दोनों की हालत खतरे से बाहर बतायी जा रही है।

सतखंडा चौकी के पास पेट में लगी गोली

हुसैनाबाद के सज्जादबाग निवासी सरफुद्दीन का बेटा वकील अहमद ड्राइवर था। भाई तौफीक के मुताबिक वकील दोपहर करीब दो बजे अपनी पत्नी शबीना उर्फ कविता को डॉक्टर के यहां दिखाकर लाया था। उसने घर पर बताया था कि बाहर बवाल हो रहा है। वह राशन और पत्नी की दवा लेकर कुछ देर में ही आता है। कुछ देर बाद ही खबर मिली कि उसे सतखंडा पुलिस चौकी के पास गोली लग गई है। भाई मुन्ना ने बताया कि जब वह मौके पर पहुंचा तो पता लगा कि वकील के पेट में गोली लगी है। उसे अस्पताल ले जाया गया है। यहां ही पता चला कि उसे एक दरोगा ने गोली मारी है। उसके भाई को प्रदर्शन से कोई मतलब ही नहीं था। बदहवाश घर वाले अस्पताल पहुंचे तो वहां डॉक्टर वकील को मृत घोषित कर चुके थे। यह खबर मिलते ही घर में कोहराम मच गया। मां नगमा ने कहा कि उनका बेटा निर्दोष था। पता नहीं उसे क्यों मार डाला गया गया। मां यह कहकर बिलखती रही कि मेरे बेटे की शादी के अभी एक साल ही हुए थे। उसके बिना कैसे जिन्दगी कटेगी…। घर पर मौजूद पड़ोसी कह रहे थे कि वकील के परिवार को मुआवजा दिया जाये।

नानी के घर से आ रहे थे, गोली लग गई

चौपटिया में रहने वाले नईम का बेटा मो. जिलानी स्कूल में छुट्टी होने पर खदरा की बड़ी पकरिया में अपनी नानी के घर गया था। वहां से गुरुवार को लौटते समय ही उसे गोली लग गई और वह सड़क पर तड़पने लगा। आनन फानन कुछ लोग उसे लेकर अस्पताल आ गए। अस्पताल में मो. जिलानी ने कहा कि साइकिल से अपने घर जा रहा था। खदरा-चुंगी के पास भीड़ अचानक उसके पास आई। वह कुछ समझ ही नहीं पाया, इस बीच ही उसके पेट में गोली लग गई। वह बता ही रहा था तभी उसके रिश्तेदार ने जख्म वाले स्थान पर हाथ रखा तो वह चिल्ला उठा-छुआ मत, बहुत दर्द हो रहा है। यह कहते हुए वह बिलख पड़ा। इस बीच ही डॉक्टर उसे आपरेशन थियेटर लेकर चले गए। डॉक्टरों ने बताया कि गोली उसके पेट में आर-पार हो गई है। खून बहुत निकल गया है। फिलहाल हालत खतरे से बाहर बतायी गई है। जिलानी के घर वाले बहुत गुस्से में है। उन्होंने कहा कि यह ठीक नहीं हुआ उनके बच्चे के साथ। जिसने भी ऐसा किया है, उसे सबक मिलना चाहिये।

बीच में फंस गए और गोली पेट में आ धंसी

खदरा में रहने वाले वसीम का बेटा मो. शमीम मजदूरी करता है। वह शाम करीब चार बजे घर लौट रहा था। खदरा में ही अचानक पथराव होने लगा। इस बीच ही गोलियां चलने की आवाज सुनाई पड़ी। इसमें ही गोली उसके पैर व पेट में लग गई। उसके पिता ने बताया कि शमीम अपने काम से काम रखता है। उसका इस प्रदर्शन से कोई लेना-देना ही नहीं है।

साभार- हिंदुस्तान