सांप्रदायिक घृणा, उन्माद व कट्टरता मिटाने के लिए IOS तैयार कर रही किताबों की शृंखला

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नई दिल्ली, 17 जनवरी (उदयपुर किरण). भारतीय मुसलमानों का थिंक टैंक माने जाने वाले इंस्टीट्यूट आफ ऑब्जेक्टिव स्टडीज (आईओएस) ने भारत में सांप्रदायिक घृणा, उन्माद और धार्मिक कट्टरता को किताबों के माध्यम से दूर करने का फैसला लिया है. आईओएस के चेयरमैन डॉक्टर मोहम्मद मंजूर आलम ने आज यहां मीडिया से बातचीत में स्पष्ट किया कि वर्तमान में देश का माहौल काफी खराब हुआ है जिसके लिए केंद्र की भारतीय जनता पार्टी की सरकार जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार की हुकूमत के दौरान जो नफरत और उन्माद का माहौल पैदा हुआ है उसको दूर करने में बहुत अधिक समय लगेगा.

डॉक्टर आलम ने कहा कि आईओएस एक रिसर्च संस्था है और देश की विभिन्न समस्याओं पर काफी गहरी नजर रखता है. भारतीय मुसलमानों की विभिन्न समस्याओं और उसके समाधान पर लंबे समय से संस्था काम कर रहा है. भारतीय मुसलमानों की आर्थिक-सामाजिक स्थिति का अवलोकन करने के लिए समय-समय पर सम्मेलन और वर्कशाप आदि का आयोजन किया जाता है. उन्होंने कहा कि देश में व्याप्त नफरत के माहौल को देखते हुए संस्था द्वारा काफी चिंता व्यक्त की जा रही है. उन्होंने कहा कि आईओएस ने हिंदू मुसलमानों के बीच बढ़ रही खाई को दूर करने के लिए किताबों की सीरिज प्रकाशित करने का फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि इस सिलसिले में इस्लाम से संबंधित तमाम तरह की गलत धारणाओं और दुष्प्रचार वगैरह को दूर करने के लिए और बहुसंख्यक समाज को शिक्षित करने के लिए 122 किताबों की शृंखला तैयार की जाएगी.