असम NRC: 31 अगस्त को आयेंगे फाइनल लिस्ट!

   

भारत के असम में बसे अवैध नागरिकों को बाहर का रास्ता दिखाने वाले राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर को पूरा करने का काम अपने अंतिम चरण में है। सुप्रीम कोर्ट ने एनआरसी के प्रकाशन के लिए अंतिम तिथि 31 अगस्त निर्धारित की है। इसमें असम के नागरिकों की सूची प्रकाशित की जाएगी, जिससे यहां के सही निवासियों की पहचान की जाएगी और अवैध घुसपैठियों को उनके देश वापस भेजा जाएगा।

अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, असम के करीब 41 लाख लोगों की नागरिकता का भविष्य इसी एनआरसी के प्रकाशन के बाद तय होगा। बता दें कि असम में अवैध तरीके से घुस आए बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ असम में करीब छह साल से जन आंदोलन चल रहा था। यह राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर इसी का नतीजा है।

इस रजिस्टर को किस तरह तैयार किया जा रहा है और लोगों की नागरिकता को किस पैमाने पर परखा जाएगा, यह जानने से पहले जरूरी है कि हम जान लें कि आखिर एनआरसी है क्या। आसान शब्दों में कहें तो यह असम में रह रहे भारतीय नागरिकों की एक सूची है, जो यह तय करती है कि कौन भारत का नागरिक नहीं है और फिर भी भारत में रह रहा है।

राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर को लेकर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में करीब चार साल से चल रही कार्रवाई 31 अगस्त को सबके सामने होगी। पिछले साल 31 जुलाई को जारी किए गए एनआरसी के ड्राफ्ट में 40.7 लाख लोगों के नाम सूची से बाहर कर दिए गए थे।

इसके बाद 26 जून 2019 को एक अतिरिक्त ड्राफ्ट अपवर्जन सूची आई जिसमें करीब एक लाख और लोगों के नाम सूची से बाहर निकाले गए थे। कुल 3.29 करोड़ आवेदकों में से करीब 2.9 करोड़ लोगों को एनआरसी में शामिल किया गया है।

ऐसे लोग जिनका नाम एनआरसी की अंतिम सूची में नहीं है, उन्हें खुद को भारत का वैध नागरिक साबित करने के लिए बड़ी जंग लड़नी पड़ेगी।