बांग्लादेश ने बुधवार को अपने “वास्तविक दोस्त” प्रणब मुखर्जी के सम्मान में राज्य शोक मनाया, जिसमें पूर्व भारतीय राष्ट्रपति के देश के 1971 के मुक्ति संग्राम में उत्कृष्ट और अविस्मरणीय योगदान और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए याद किया गया।
सभी सरकारी, अर्ध-सरकारी, स्वायत्त और निजी संस्थानों और विदेशों में बांग्लादेश के मिशनों ने शोक दिवस के पालन में राष्ट्रीय ध्वज को आधा मस्तूल पर रखा।
दिव्य हिमाचल पर छपी खबर के अनुसार, बंगलादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और राष्ट्रपति अब्दुल हनीद ने सोमवार को भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया।
प्रधानमंत्री हसीना ने अपने शोक संदेश में दोनों पड़ोसी देशों के बीच आपसी संबंधों को और बेहतर करने के लिए श्री मुखर्जी के योगदान को याद किया।
श्रीमती हसीना और श्री हनीद ने दिवंगत आत्मा की शाश्वत शांति के लिए प्रार्थना की और शोक संतप्त परिवार के प्रति गहन सहानुभूति व्यक्त की।
Bangladesh PM #SheikhHasina condoled the death of #PranabhMukherjee.
Hasina called Mukherjee a true friend who was always highly revered and loved by Bangladeshi people.
In 2013 the govt of Bangladesh conferred on Mukherjee 'Bangladeshi Muktijuddho Sommanona. pic.twitter.com/KvSS7a4t0j
— Devendra Jatav (DJ) (@DevendraJatavDJ) September 1, 2020
श्री मुखर्जी का सोमवार शाम को 84 वर्ष की आयु में निधन हो गया। पूर्व राष्ट्रपति को गत 10 अगस्त को आर आर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां उनके मस्तिष्क में खून का थक्का जमा होने का पता चला जिसके बाद उनका ऑपरेशन किया गया था। बाद में उनके फेफड़े में संक्रमण हो गया और गुर्दे में भी गड़बड़ी हो गई।
ভারতের প্রাক্তন রাষ্ট্রপতি প্রণব মুখোপাধ্যায়ের মৃত্যুতে একদিনের রাষ্ট্রীয় শোক পালন করবে বাংলাদেশ।#PranabMukherjeeRIP #PranabDa @albd1971 #SheikhHasina #Bangladesh #Drishtibhongihttps://t.co/lxQ0FLpkLR
— Drishtibhongi (@Drishtibhongi) September 1, 2020
अस्पताल ने आज सुबह जारी बुलेटिन में कहा था कि श्री मुखर्जी की हालत में रविवार के बाद से गिरावट दर्ज की गई है और उनके कुछ अंगों ने काम करना बंद कर दिया है। वह पिछले काफी दिनों से गहरी बेहोशी की हालत में थे। उन्हें लगातार वेंटीलेटर पर ही रखा गया था।
https://twitter.com/ShahabUddinAhmm/status/1300518884764798977?s=20
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में करीब पांच दशक के लंबे राजनीतिक करियर के बाद वह भारत के तेरहवें राष्ट्रपति रहे। उन्हें 26 जनवरी, 2019 को भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।