मीडिया रिपोर्ट में दावा- UP पुलिस की फायरिंग में हुई थी सुलेमान की मौत, SP ने भी मानी फायरिंग की बात

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नागरिकता कानून के खिलाफ हुए प्रदर्शनों में उत्तर प्रदेश में 16 लोगों की मौत हुई है, जिनमें से 14 को गोली लगी है। उत्तर प्रदेश के DGP ने कहा था कि पुलिस की तरफ से एक भी गोली नहीं चली थी, लेकिन बिजनौर पुलिस ने उनके इस दावे को झुठला दिया है। बिजनौर पुलिस ने माना है कि उसने पिछले सप्ताह हुए प्रदर्शनों के दौरान फायरिंग की थी, जिससे एक प्रदर्शनकारी की मौत हुई है।

शुक्रवार को नमाज के कई जिलों में प्रदर्शन हिंसक हो गए थे। इनमें बिजनौर भी एक था। NDTV के मुताबिक, बिजनौर के SP संजीव त्यागी ने कहा कि एक कॉन्स्टेबल ने आत्मरक्षा में गोली चलाई थी, जिससे 20 वर्षीय सुलेमान की मौत हो गई।

त्यागी ने बताया, “प्रदर्शनकारियों ने पुलिसवालों से बंदूक छीन ली थी। जब हमारा एक कॉन्स्टेबल बंदूक वापस लेने के लिए आगे बढ़ा तो भीड़ में से किसी ने गोली चला दी। इसमें वह बाल-बाल बचा था। आत्मरक्षा में की गई जवाबी फायरिंग में एक उपद्रवी मारा गया।”

उन्होंने कहा कि मृतक का नाम सुलेमान था और उसका दोस्त उसे लेकर गया था। भीड़ में से गोली चलने के कारण एक दूसरा प्रदर्शनकारी अनीस घायल हुआ है।

बिजनौर SP का बयान DGP के दावे की पोल खोलता है। DGP ने कहा था कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर एक भी गोली नहीं चलाई थी।

पुलिस का कहना है कि प्रदर्शनकारी हिंसा फैलाने के लिए हथियारों का इस्तेमाल कर रहे थे, जिस कारण चोट लगने से कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।

इंडियन एक्स्प्रेस के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में प्रदर्शनों में कुल 16 लोगों की मौत हुई है, जिनमें से 14 की जान गोली लगने से गई है।