रविशंकर प्रसाद ने मार्क जकरबर्ग को पत्र लिखकर लगाए गंभीर आरोप!

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फेसबुक को लेकर तेज राजनीतिक विवाद के बीच बुधवार को संसदीय समिति फेसबुक प्रतिनिधि से पूछताछ करने वाली है।

 

जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, उससे पहले केंद्रीय सूचना प्रोद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने फेसबुक मुखिया मार्क जुकरबर्ग को पत्र लिखकर सीधा सीधा आरोप लगाया है कि एक तरफ जहां चुनाव मे हारे हुए लोग सोशल मीडिया के जरिए लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर संदेह खड़ा कर रहे हैं, वहीं फेसबुक के भारत प्रबंधन में प्रबंधक निदेशक से लेकर दूसरे वरिष्ठ अधिकारियों तक ऐसे लोगों की भरमार है जो एक खास राजनीतिक सोच से प्रभावित हैं।

 

यह सोच इतनी गहरी है कि फेसबुक के अधिकारी खुले तौर पर प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्रियों की आलोचना कर रहे हैं और अभी भी पद पर कायम हैं। रविशंकर ने आगाह किया कि हर देश के सामुदायिक दिशा निर्देशों का पालन किया जाना चाहिए।

 

गौरतलब है कि वाल स्ट्रीट जर्नल के एक आलेख में आरोप लगाया गया था कि फेसबुक भाजपा नेताओं के प्रति नरम है। उनके हेट स्पीच को लेकर भी नरमी बरती जा रही है।

 

कांग्रेस ने इसकी तीखी आलोचना की थी और आइटी की संसदीय समिति की अध्यक्षता कर रहे कांग्रेस नेता शशि थरूर ने बुधवार को फेसबुक प्रतिनिधि को तलब किया है। पिछले दिनों कांग्रेस की ओर से भी फेसबुक को पत्र लिखा गया था।

 

वहीं, मंगलवार को फिर से राहुल गांधी ने फेसबुक पर भाजपा के प्रति नरमी का आरोप लगाया। ऐसे में रविशंकर का पत्र अहम है। दरअसल पिछले दिनों में भाजपा की ओर से कई ऐसे फेसबुक अधिकारियों व कर्मचारियों के नाम गिनाए गए थे जिनका नाता कांग्रेस से रहा था।

 

रविशंकर ने भी पत्र मे इसका संकेत दिया और लिखा- मुझे जानकारी मिली है कि 2019 चुनाव से पहले कई राइट आफ द सेंटर (मध्य दक्षिणपंथी) पार्टी समर्थकों के कई पेज डिलीट किए गए और उन्हें अपील का भी अधिकार नहीं दिया गया। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि फेसबुक इंडिया टीम में एक खास राजनीतिक दलों के प्रभाव वाले लोग मौजूद हैं।’

 

रविशंकर प्रसाद ने इशारों में राहुल गांधी और कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए लिखा ‘चुनाव में जनता द्वारा नकार दिये गए औचित्यहीन लोग अब सोशल मीडिया के प्लेटफार्म के सहारे भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर संदेह खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं।’

 

रविशंकर ने कहा कि फेसबुक के अंदर विचारधारा की लड़ाई चल रही है और उसी उद्देश्य से कुछ चुनी हुई लीक कराकर गलत सच्चाई पेश करने की कोशिश हो रही है। जाहिर तौर पर उनका इशारा वाल स्ट्रीट जर्नल और हाल मे आई कुछ खबरों को लेकर था।

 

रविशंकर ने कहा कि दिल्ली दंगे और सीएए के खिलाफ हिंसक प्रदर्शनों का नाम लिए बगैर कहा कि ‘ऐसे कई उदाहरण हैं, जिनमें कट्टरपंथी लोगों ने हिंसा फैलाने के लिए उद्देश्य से लोगों को एकजुट होने की अपील की। लेकिन फेसबुक से उनके खिलाफ कोई सार्थक कार्रवाई नहीं की..फेसबुक के ‘फैक्ट-चेकिंग’ की प्रक्रिया में ऐसे लोगों और संगठनों को आउटसोर्स कर रखा है, जिनकी न तो विश्वसनीयता है और न ही निष्पक्षता।

 

बल्कि वह भी राजनीतिक विचारधारा से प्रेरित है। प्रसाद ने जुकरबर्ग को सलाह दी कि फेसबुक जैसा बड़ा प्लेटफार्म संवेदनशील स्थानीय मुद्दों के प्रति निरपेक्ष नहीं रह सकता है। इसके लिए फेसबुक को देश विशेष के लिए अलग कम्युनिटी गाइडलाइंस बनाना चाहिए।

 

ध्यान रहे कि बुधवार को संसदीय समिति की बैठक होनी है और उसके लिए कांग्रेस और भाजपा सदस्यों ने पूरी तैयारी कर रही है। माना जा रहा है कि बैठक काफी गरमागर्म होगी।