भारतीय भाला फेंक एथलीटों को मिली आधुनिक मशीन (लीड-1)

   

नई दिल्ली, 29 मई । भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा और शिवपाल सिंह सहित कई अन्य को क्राफ्ट ट्रेनिंग गेराट (केटीजी) मशीन मिली है, जिसे पटियाला में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स में स्थापित किया गया है। इससे ये एथलीट अपनी ताकत और गति में सुधार कर सकते हैं।

केटीजी उपकरण एथलीटों चोटिल होने से बचाने के साथ-साथ अधिक दूरी तरह भाला फेंकने में मदद करता है।

मुख्य कोच राधाकृष्णन नायर ने कहा, यह एक जर्मन ट्रेनिंग उपकरण है। उपकरण भाला फेंकने वाले को फेंकने की शक्ति विकसित करने में मदद करती है। इससे निश्चित रूप से भारतीय भाला फेंकने वालों को फायदा होगा। वे इन मशीनों पर विदेशी विशेषज्ञों उवे होन और भारतीय टीम से जुड़े बायोमैकेनिक्स विशेषज्ञ डॉ क्लाउस बाटरेनिएट्स की देखरेख में प्रशिक्षण शुरू करेंगे।

उन्होंने कहा कि भारत केवल तीसरा देश है, जिसके पास यह मशीन है। कोच ने कहा, जर्मनी और चीन के बाद भाला फेंक खिलाड़ियों की मजबूती और रफ्तार बढ़ाने में मदद के लिए विशेष मशीन हासिल करने वाला भारत तीसरा देश बन गया है।

नायर ने कहा कि इससे भाला फेंक एथलीटों अपनी मजबूती और रफ्तार बढ़ाने में मदद मिलेगी। और साथ ही उन्हें चोट के काफी कम जोखिम के भाले को आदर्श दिशा में भेजने में मदद मिलेगी। यह मशीन इसी सप्ताह भारत पहुंची है और इसे शुक्रवार को स्थापित किया गया है।

केटीजी एक जर्मन शक्ति प्रशिक्षण उपकरण है।

नायर ने कहा कि डिवाइस स्लेज का वजन 3.8 किलोग्राम है और इसे अधिकतम 13.8 किलोग्राम वजन के लिए 10 किलोग्राम तक लोड किया जा सकता है।

स्टार जर्मन भाला फेंक खिलाड़ी जोहान्स वेटर, जिनका व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ 97.76 मीटर है, भी प्रशिक्षण के दौरान केटीजी का उपयोग करते हैं।

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