रूस की एस-400 को टक्कर देने के लिए अमेरिका ने नए मिसाइल डिफेंस सिस्टम का टेस्ट शुरू कर दिया है।
डेली न्यूज़ पर छपी खबर के अनुसार, कोरोना वायरस महामारी के कारण इस डिफेंस सिस्टम का परीक्षण करने में देरी हुई। अगर इसका टेस्ट सफल रहता है तो अमेरिका अपने नए एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम के एडवांस वर्जन को जल्द तैनात कर सकता है।
इस डिफेंस सिस्टम का नाम इंटीग्रेटेड एयर एंड मिसाइल डिफेंस बैटल कमांड सिस्टम (IBCS) है जिसका लिमिटेड यूजर टेस्ट न्यू मैक्सिको में व्हाइट सैंड्स मिसाइल रेंज में किया जा रहा है। इस टेस्ट में यूएस आर्मी के 700 जवान शामिल हैं।
जिनकी कोरोना वायरस के संक्रमण से सुरक्षा के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का खास ध्यान रखा जा रहा है। जबकि कई इंजिनियर इस टेस्ट से जुड़े डेटा को बेस से ही चेक कर रहे हैं।
सेंटर फॉर स्ट्रेटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज ने बताया कि अमेरिका का यह मिसाइल थ्रेट प्रोजक्ट (IBCS)का मकसद वेपन लॉन्चर्स, रडार और ऑपरेटरों के बीच कम्यूनिकेशन को मजबूत बनाना है।
जैसे कि किसी दूसरे रडार से प्राप्त जानकारी के आधार पर उस खतरे के नजदीक मौजूद कोई भी एरियल डिफेंस सिस्टम मिसाइल लॉन्च कर सके। इससे खतरे से निपटने के समय में कमी आएगी और दुश्मन एरियल कम्यूनिकेशन को जाम नहीं कर पाएगा।
इसको लेकर यूएस आर्मी ने कहा है कि इस इंटीग्रेटेड एयर एंड मिसाइल डिफेंस बैटल कमांड सिस्टम से शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस (SHORAD), टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस (THAAD) सिस्टम और पैट्रियट मिसाइल बैटरी एक साथ मिलकर प्रभावी सुरक्षा प्रदान करेंगे।
सेना के फ्यूचर्स कमांड के जनरल जनरल जॉन एम मुर्रे ने कहा कि आईबीएस में अमेरिकी मिसाइल डिफेंस सिस्टम के अलावा इजरायल के आयरन डोम मिसाइल डिफेंस सिस्टम को भी शामिल किया जाएगा।
अमेरिकी सेना का कहना है कि अगर इस बैटल कमांड सिस्टम का टेस्ट सफल रहता है तो इसे 2022 तक सर्विस में कमीशन कर दिया जाएगा। भविष्य में इसे विदेशों में मौजूद अमेरिकी सेना के ठिकानों पर भी तैनात किए जाने की योजना है।