VIDEO – जानें बंके राम कैसे बनें मशहूर इस्लामिक विद्वान प्रोफेसर आज़मी !
बंके राम का जन्म 1943 में भारत के आज़मगढ़ जिले में स्थित एक गाँव बिलरिया गंज के एक कट्टर ब्राह्मण हिंदू परिवार में हुआ था। उसे पढ़ने का शौक था।
बंके राम का जन्म 1943 में भारत के आज़मगढ़ जिले में स्थित एक गाँव बिलरिया गंज के एक कट्टर ब्राह्मण हिंदू परिवार में हुआ था। उसे पढ़ने का शौक था।
खाड़ी देशों में नौकरी खोने के बाद तेलंगाना के हजारों कार्यकर्ता अपने गृहनगर लौट रहे हैं। हालांकि जिन लोगों ने घर लौटने के लिए अपने टिकट बुक किए थे, वे
हज के बारे में किसने नहीं सुना होगा। यह मुस्लिम धर्म के लिए बेहद महत्वपूर्ण और पवित्र माना गया है। चंद्र इस्लामिक कैलेंडर के आधार पर हज लगभग 5 से
दुनिया में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच सऊदी अरब ने हज यात्रा के लिए नए दिशा निर्देश जारी किए हैं। ये प्रोटोकॉल हज यात्रियों, गाइड और
पाकिस्तान के हैदराबादी मूल के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध धार्मिक विद्वान, हज़रत मौलाना सैयद शाह अताउल्लाह अल-हुसैनी का रविवार को पाकिस्तान के कराची में निधन हो गया। वह जामिया निजामिया
हाल ही में उर्दू में डब किए गए तुर्की शो दिलिरिस एर्टुगरुल (उर्दू और एर्टगुरुल: एर्टगुरुल) में हाल ही में न केवल सीमा पर लहरें उठ रही हैं। 13
आज यानी 8 जून से देश के सभी धार्मिक स्थलों को खोल दिया गया है। इनमें कुछ शर्त लगाएं गये हैं। जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार,
कोरोना वायरस को लेकर पूरे देश में लॉकडाउन लागू है। लॉकडाउन के दौरान भीड़ न करने, सोशल डिस्टेंसिंग मेंटन करने की सलाह दी गई। पत्रिका पर छपी खबर के
रमजान के पाक महीने का आखिरा अशरा(रमजान के महीने के आखिरी दस दिन) शुरू हो गया है। मुसलमानों के लिए रमजान का ये आखिरी अशरा अल्लाह के और भी करीब
इस साल मुसलमान तालाबंदी और कोरोनोवायरस आशंकाओं के बीच रमजान मनाते हैं। रमजान मुसलमानों के लिए उपवास का महीना है, जो ऐसा करने के लिए पर्याप्त रूप से फिट होते
जामिया अल-अजहर के भव्य इमाम, अहमद अल-तैयब, ने मुसलमानों से रोजाना प्रार्थना और तरावीह की नमाज घर पर रमजान के दौरान कोरोनोवायरस महामारी के प्रकाश में पेश करने के लिए
दिल्ली समेत पूरे देश में रमज़ान का मुकद्दस महीना शनिवार से शुरू होगा। उलेमा ने कोरोना वायरस को देखते हुए मुस्लिम समुदाय से घरों में ही इबादत करने की अपील
रमजान के पाक महीने की शुरुआत कल से होने वाली है। 23 अप्रैल की शाम को भारत में केरल राज्य में चांद का दीदार हो गया। चांद दिखने के साथ
लॉकडाउन का असर रमजान माह पर भारी पड़ेगा। रोजेदारों को इस बार खजूर नहीं मिल सकेंगे। जबकि खजूर से रोजा इफ्तार करना मुस्लिम धर्म में सुन्नत माना जाता है। इस
इस्लाम में रमजान को सबसे पवित्र महीना माना जाता है। इस साल अगर चांद 23 अप्रैल को दिखाई देता है तो 24 अप्रैल को पहला रोजा रखा जाएगा। जागरण
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने रमजान के महीने के दौरान धार्मिक प्रथाओं के लिए अंतरिम दिशानिर्देश जारी किए। ये दिशानिर्देश COVID-19 के संदर्भ में जारी किए गए थे।
शेख अब्दुलअज़ीज़ बिन अब्दुल्लाह अल अल-शेख, सऊदी अरब के साम्राज्य के ग्रैंड मुफ्ती और वरिष्ठ विद्वानों की परिषद के अध्यक्ष ने कहा है कि लोग अपने घरों में मस्जिदों में
बिहार के मुस्लिम संगठनों इमारत-ए-शरिया बिहार, एदार-ए-शरिया बिहार, जमियत-ए-उलेमा बिहार, जमात-ए-इस्लामी और खानकाहों ने ऐलान किया है कि रमज़ान के महीने में भी लोग अपने-अपने घरों में नमाज़ पढ़ें और
जामिया निज़ामिया हैदराबाद ने मुसलमानों से रमज़ान के महीने में घर में तरावीह की नमाज़ अदा करने की अपील की। इस्लामिक विचार के सभी स्कूलों के उलेमा और मुफ्ती देशव्यापी
सऊदी अरब ने कोरोना वायरस के मद्देनजर रमजान के दौरान लोगों से विशेष नमाज ‘तरावीह’ घरों में ही पढ़ने के लिए कहा है। सऊदी अरब ने पिछले महीने देश की
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