नई दिल्ली : 2014 के 282 की तुलना में भाजपा विजयी वापसी, 303 सीटों (10 बजे की बढ़त और जीत) के साथ सत्…
मोदी की शानदार जीत को अनपैक करने के सात तरीके
मुझे हमेशा विश्वास था कि नरेंद्र मोदी फिर से प्रधानमंत्री बनेंगे। लेकिन, 2014 में, मैं गलत थी –…
एक्जिट पोलः अंदाजी घोड़े
एक्जिट पोल की खबरों ने विपक्षी दलों का दिल बैठा दिया है। एकाध को छोड़कर सभी कह रहे हैं कि दुबारा मोदी…
सभी की निगाहें उत्तर प्रदेश और बंगाल पर
बंगाल और संयुक्त प्रांत, यकीनन ब्रिटिश राज के खिलाफ भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दो सबसे महत्वपूर्ण…
अब कमान राष्ट्रपति के हाथों
यदि इस 2019 के चुनाव में भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिल जाए और एक स्थिर सरकार बन जाए तो भारतीय लोकतंत्र क…
अंग्रेजी जूती को पगड़ी बनाया!
भारत में अंग्रेजी निर्विवाद रूप से प्रभुत्व वर्ग की भाषा है। वैसे देश में अंग्रेजी बोलने वालों की आन…
बीजेपी में गोडसे के प्रशंसक ज्यादा!
कर्नाटक के दो भाजपा सांसदों के ट्विटर हैंडल, जिनमें से एक केंद्रीय मंत्री हैं, ने नाथूराम गोडसे को आ…
2019 चुनाव: राष्ट्रीय विकल्प का अभाव मतलब मोदी को फायदा!
मैं इस चुनाव को ‘और कौन है चुनाव?’ कहूँगी। अन्यथा जो कई मायनों में एक उलझन भरा, अप्रत्या…
रमज़ान का महिना इस जमीन पर फाइनल इम्तिहान की तरह है
इक़बाल रज़ा, कोलकाता। रमज़ान दुनिया भर के मुसलमानों के लिए मुक़द्दस व इस्लामिक कैलेंडर में सबसे सम्मान…
इक़बाल रज़ा का ब्लॉग: ‘खाड़ी देशों में आर्थिक विकास का भविष्य’
इक़बाल रज़ा, कोलकाता। आर्थिक गतिविधि किसी भी अर्थव्यवस्था के विकास का प्राथमिक इंजन होता है। खाड़ी द…
चुनाव के बाद संभावनाएं क्या-क्या हैं?
इस 17 वें आम चुनाव के बाद किसकी सरकार बनेगी, उसका स्वरुप क्या होगा और देश की राजनीति की दिशा क्या हो…
राम पूनियानी का लेख: ‘क्या नरेन्द्र मोदी देश के डिवाईडर इन चीफ हैं?’
टाइम दुनिया की सबसे प्रभावशाली पत्रिकाओं में से एक है. इस पत्रिका ने अपने ताजे अंक (20 मई 2019) के म…
नरेंद्र मोदी की लहर या परिवर्तन की पराकाष्ठा?
चुनाव परिणाम की भविष्यवाणी करना कभी भी आसान नहीं रहा है, और तब भी जब अरुणाचल प्रदेश और लक्षद्वीप के …
नजरिया : एक गठबंधन भारत जैसे जटिल राष्ट्र के लिए सबसे अच्छी सरकार बना सकता है
सवा सौ करोड़ भारतीयों की तरह, मैंने भी, एक पार्टी और अपनी पसंद के उम्मीदवार को चुनने के लिए अपने कान…
कट्टरपंथी विचारधारा समय के साथ कश्मीर में सिमटती गई – अब इसे धीरे-धीरे, चालाकी और निरंतर रूप से निष्प्रभावी करना होगा
आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले शब्द ‘धार्मिक कट्टरपंथ’ की कोई आसानी से परिभाषा नहीं है।…
इक़बाल रज़ा का ब्लॉग: ‘सऊदी अरब के लिए परमाणु ऊर्जा ज़रूरी क्यों है?’
सऊदी अरब का आर्थिक विकास काफी हद तक तेल और गैस पर निर्भर रहा है और सऊदी सरकार ‘Vision 2030R…
धर्मनिरपेक्षता की अवधारणा को पुनः प्राप्त करें
भारत एक लंबे, विश्वासघाती और विषाक्त चुनाव अभियान के अंतिम चरण में पहुँच गया है। अब सभी की निगाहें 2…
दुस्साहसिक घेराबंदी: ममता और मोदी की जमकर धुनाई क्यों हो रही है?
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और प्रधानमंत्री मोदी के बीच तीखी मौखिक बातें, मोदी की “लोकतंत…
अगली सरकार और अहंकार
2019 का चुनाव अब अंतिम चरण में है। लोग पूछ रहे हैं कि सरकार किसकी बनेगी ? यह क्यों पूछ रहे हैं ? क्य…
फलस्तीन के खिलाफ़ ‘डील अॉफ सेंचुरी’ के फेल होने की गारंटी है!
‘Deal Of The Century’ का आरम्भिक बिंदु (Starting Point) ही इसके फ़ैल होने की गारंटी है जो…